अलवर। भारत में दशहरा पर्व बड़े धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह पर्व सत्य की असत्य पर विजय का प्रतीक है। विजयादशमी के दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर माता सीता को मुक्त कराया था। तभी से इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है।
क्यों मनाया जाता है दशहरा?
- रामायण के अनुसार रावण ने माता सीता का अपहरण कर लिया था।
- भगवान श्रीराम ने हनुमान, सुग्रीव और वानर सेना की मदद से लंका पर विजय प्राप्त की।
- युद्ध का अंत अश्विन मास की दशमी तिथि को हुआ।
- इसीलिए इस दिन को विजयादशमी नाम से जाना जाता है।
रावण दहन की परंपरा
- देशभर में दशहरे पर रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले बनाए जाते हैं।
- शाम को हजारों लोग एकत्र होकर इनका दहन करते हैं।
- यह परंपरा हमें यह संदेश देती है कि चाहे बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंततः पराजित होती है।
उत्तर भारत में दशहरे पर बड़े स्तर पर मेले और झांकियां निकलती हैं।
दक्षिण भारत में इसे शिक्षा और कला की शुरुआत का शुभ दिन माना जाता है।
पश्चिम बंगाल में इस दिन मां दुर्गा की विदाई (विजया दशमी) होती है।
दशहरा पर्व हमें यह शिक्षा देता है कि –
- सत्य और धर्म की विजय हमेशा होती है।
- हमें अपने जीवन से बुराइयों और नकारात्मक विचारों को त्यागना चाहिए।