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119वें वनरक्षक आधारभूत प्रशिक्षण सत्र के पासिंग आउट परेड एवं समापन समारोह तथा 120वें वनरक्षक आधारभूत प्रशिक्षण सत्र का उद्घाटन समारोह आरपीटीएस अलवर में आयोजित

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नव प्रशिक्षित वनरक्षक प्रकृति संरक्षण का कार्य आधुनिक तकनीक के समन्वय से पूर्ण निष्ठा के साथ करें- केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री यादव

अलवर 5 जनवरी। केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री भूपेन्द्र यादव के मुख्य आतिथ्य एवं पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संजय शर्मा की अध्यक्षता में रविवार को अलवर के ग्राम ठेकडा स्थित राजस्थान पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में वानिकी सैटेलाईट प्रशिक्षण संस्थान, राजस्थान वानिकी एवं वन्यजीव प्रशिक्षण संस्थान जयपुर के 119वें वनरक्षक आधारभूत प्रशिक्षण सत्र के पासिंग आउट परेड एवं समापन समारोह तथा 120वें वनरक्षक आधारभूत प्रशिक्षण सत्र के उद्घघाट्न समारोह का कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमें अतिथियों ने पास आउट वनरक्षकों की परेड का निरीक्षण किया एवं परेड की सलामी ली। साथ ही उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र व स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।

केंद्रीय मंत्री यादव ने वनरक्षक प्रशिक्षुकों को पासिंग परेड की बधाई व शुभकामनाएं देकर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना कर कहा कि दीक्षांत परेड के सहभागी प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने केरियर का नया अध्याय प्रारम्भ हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण से तकनीकी कुशलता, प्रक्रियागत एवं कानूनी जानकारी के साथ टीम भावना का विकास होता है। यह प्रशिक्षण प्रशिक्षुओं के जीवन का मुख्य पड़ाव बनने साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह नौकरी ही नहीं बल्कि प्रकृति के प्रति ट्रस्टी के रूप में कार्य करने का महान अवसर है। उन्होंने कहा कि वन मंत्रालय निरन्तर पर्यावरण संतुलन एवं वन्यजीवों के संरक्षण के लिए तत्परता के साथ कार्य कर रहा है, जिसमें वनरक्षकों का प्रमुख कर्तव्य है कि वे वन एवं वन्यजीवों को रक्षा की जिम्मेदारियों को मुस्तैदी से पूरा करें।

उन्होंने कहा कि आबादी के बढ़ते हुए बोझ के कारण वनों पर भी बोझ पडा है। यह हर्ष का विषय है कि उक्त परिस्थितियों के मध्य भी फोरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की वन मंत्रालय द्वारा जारी नवीनतम द्विवार्षिक रिपोर्ट में देश के वन क्षेत्रफल में वृद्घि हुई है। उन्होंने कहा कि भारत ने अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जो तीन बडें क्वाटिटी ऑफ कॉन्ट्रेब्यूशन तय किये थे उनमें पहला भारत दुनिया में जलवायु परिवर्तन प्रगति के कारण जो कार्बन उत्सर्जन होता है उसमें 40 प्रतिशत कटौती करेगा और यह लक्ष्य 2030 तक के लिए तय किया था लेकिन यह लक्ष्य हमने समय से 9 साल पहले पूरा कर ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किया है। दूसरा लक्ष्य रिन्यूबल एनर्जी क्षमता को बढा कर 45 प्रतिशत करेगे यह लक्ष्य भी 2030 तक पूरा करना था लेकिन यह लक्ष्य हमने 2021 में ही प्राप्त कर लिया है और भारत ने रिन्यूबल एनर्जी की क्षमता को बढ़ाकर 50 प्रतिशत तय किया है तथा तीसरा लक्ष्य विशेष रूप से विभाग से संबंधित है जो ग्रीन कार्बन सिंक एरिया को बढ़ाकर 33 प्रतिशत का लक्ष्य था उस लक्ष्य को लेकर जो वन विभाग की रिपोर्ट आई है वह 2.90 गीगा टन कार्बन सिंक के लक्ष्य को 2030 तक प्राप्त कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने 50 वर्ष  पहले नेशनल टाईगर कन्जर्वेशन पर काम करना शुरू किया था तब सिर्फ नौ टाईगर रिजर्व थे और अब टाईगर रिजर्व की संख्या बढकर 57 हो गई है देश में 53 हजार वर्ग किलोमीटर एरिया टाईगर रिजर्व क्षेत्र के अन्तर्गत आता है। उन्होंने कहा कि वन्य जीवों के अवैध व्यापार को रोकने में भी कामयाब हुए है भारत ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम में संशोधन किया। इसी प्रकार फॉरेस्ट कन्जर्वेशन एक्ट में भी सुधार किया। उन्होंने कहा कि दुनिया के 5 बिग केट में से भारत में दुनिया के 70 प्रतिशत बाघ, करीब 70 प्रतिशत हाथी तथा शत-प्रतिशत एशियाई शेर मौजूद हैं और चीता पुनर्वास का कार्य एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप से कर भारत ने दुनिया को एक नई दिशा दी है। उन्होंने कहा कि वन मंत्रालय का एग्रो फोरेस्ट्री को बढावा देने के साथ-साथ वन क्षेत्र के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की महिला सहायता समूह को वानिकी उपज से संबंधित प्रशिक्षण देने का कार्य किया जा रहा है जिससे उनकी आजीविका के साथ वन संरक्षण हो सके।

पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संजय शर्मा ने बुनियादी प्रशिक्षण के पश्चात दीक्षांत परेड में शामिल प्रशिक्षणार्थियों को शुभकामनाएं देकर कहा कि यह वनरक्षक के रूप में न केवल वन एवं वन्यजीवों की सुरक्षा व संरक्षण का दायित्व का निर्वहन करने के साथ वन क्षेत्र के आसपास के ग्रामवासियों के हितों की रक्षा का भी कार्य करें। उन्होंने कहा कि मानव जीवन के लिए प्रकृति का संरक्षण महत्वपूर्ण विषय है। उसकी सुरक्षा का दायित्व मिलना एक राजकीय कार्य के साथ पुनीत कार्य भी है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव के द्वारा वन एवं वन्यजीव संरक्षण के लिए उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए कहा कि श्री यादव ने राज्य के वन एवं वन्यजीव संरक्षण के लिए आगे बढकर सहयोग किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक पेड मां के नाम अभियान के अन्तर्गत मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के हरियालो राजस्थान अभियान के बारे में अवगत कराते हुए सभी से आह्वान किया कि अधिकाधिक पेड लगाकर पर्यावरण के प्रति अपने दायित्वों का निर्वहन करें।

आरएफडब्ल्यूटीआई की निदेशक एवं मुख्य वन संरक्षण प्रशिक्षण शैलजा देवल ने बताया कि 119वें वनरक्षक प्रशिक्षण सत्र में 11 सेटेलाइट प्रशिक्षण केंद्रों पर 1397 वनरक्षकों का प्रशिक्षण पूर्ण हुआ जिसमें अलवर में कुल 214 वनरक्षक प्रशिक्षणार्थियों ने सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूर्ण किया एवं 120वें प्रशिक्षण सत्र में 8 सेटेलाइट प्रशिक्षण केंद्रों पर 1300 वनरक्षकों का प्रशिक्षण प्रारम्भ हुआ जिसमें अलवर में 150 वनरक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वन सेटेलाइट प्रशिक्षण केंद्र नं. 8 वानिकी प्रशिक्षण केंद्र अलवर के कोर्स डायरेक्टर एवं डीएफओ प्रशिक्षण राजीव लोचन पाठक जिनकी अगुवाई में दो बेचों में 71 प्रशिक्षणार्थियों तथा वन सेटेलाइट प्रशिक्षण केंद्र-9 राजस्थान पुलिस प्रशिक्षण केंद्र अलवर के कोर्स डायरेक्टर एवं डीएफओ अलवर राजेन्द्र हुड्डा थे जिनकी अगुवाई में 3 बेचों में कुल 143 प्रशिक्षणार्थियों को कुशलतापूर्वक प्रशिक्षण दिया गया। इसी प्रकार अलवर जिले के दोनों वन सेटेलाइट टे्रनिग केंद्रों में कुल 214 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया। कोर्स डायरेक्टर एवं उप वन संरक्षक अलवर राजेन्द्र कुमार हुड्डा ने प्रशिक्षणार्थियों को शपथ ग्रहण कराया।

ये रहे श्रेष्ठ प्रशिक्षणार्थी

उन्होंने बताया कि वन सेटेलाइट प्रशिक्षण केंद्र नं. 8 वानिकी प्रशिक्षण केंद्र अलवर में सर्वोत्तम वनरक्षक उप वन संरक्षक प्रतापगढ डिविजन के हरिशचंद्र सिंह सिसोदिया, सर्वश्रेष्ठ वनरक्षक, सर्वोत्तम खिलाडी एवं आउटडोर गतिविधियों में सर्वोत्तम वनरक्षक उप वन संरक्षक (प्रशिक्षण) अलवर डिविजन के अजय कुमार यादव, फील्ड प्रशिक्षण एवं अनुशासन में सर्वोत्तम वनरक्षक उप वन संरक्षक अनुसंधान जयपुर के पवन कुमार मीणा रहे। इसी प्रकार वन सेटेलाइट प्रशिक्षण केंद्र राजस्थान पुलिस प्रशिक्षण केंद्र-9 अलवर में शैक्षणिक गतिविधियों में सर्वोत्तम वनरक्षक एवं सर्वश्रेष्ठ वनरक्षक कोटा डिविजन के पुनीत शर्मा, आउटडोर गतिविधियों में सर्वोत्तम वनरक्षक एवं फील्ड प्रशिक्षण एवं अनुशासन में सर्वोत्तम वनरक्षक (वन्यजीव) उदयपुर डिविजन के पवन चौहान तथा सर्वोत्तम खिलाडी बारां डिविजन के बृजेश सहारिया रहे।

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