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वन मंत्री ने ली समीक्षा बैठक, चौकी-नाकों के निरीक्षण व जर्जर भवनों के स्थान पर नवीन भवनों के प्रस्ताव भेजने के निर्देश

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जयपुर। वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री संजय शर्मा ने सोमवार को चित्तौड़गढ़ जिला परिषद के ग्रामीण विकास अभिकरण सभागार में वन एवं पर्यावरण विभाग से संबंधित बजट घोषणाओं, योजनाओं एवं गतिविधियों की समीक्षा बैठक ली।
वन मंत्री शर्मा ने “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत प्रदेशभर में हो रहे पौधारोपण को प्रकृति संरक्षण की दिशा में एक सशक्त पहल बताया और कहा कि समन्वित प्रयासों से पर्यावरण संरक्षण संभव है। उन्होंने कहा कि पौधारोपण केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि प्रकृति के साथ एक भावनात्मक जुड़ाव है।
 शर्मा ने निर्देश दिए कि जिले में वन कर्मियों की चौकियों व नाकों का तत्काल निरीक्षण कर उनकी वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन किया जाए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी जर्जर भवन में चौकी या नाका संचालित नहीं होना चाहिए। जहां भी आवश्यकता हो, वहां नवीन भवन निर्माण हेतु प्रस्ताव सरकार को भेजे जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि वे भविष्य में औचक निरीक्षण कर सकते हैं, अतः अधिकारी सजग व तत्पर रहें।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वन क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। वन विभाग के तंत्र को निरंतर सुदृढ़ किया जा रहा है और प्रत्येक शिकायत को गंभीरता से लिया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों से वन्यजीव सुरक्षा, जल संरक्षण और पौध संरक्षण में पूर्ण निष्ठा और पारदर्शिता से कार्य करने के निर्देश दिए।
बैठक में डीसीएफ राहुल झांझड़िया ने चित्तौड़गढ़ वन मण्डल का विस्तार से परिचय दिया और विभिन्न योजनाओं की प्रगति से मंत्री महोदय को अवगत कराया।
इको सेंसेटिव जोन मास्टर प्लान, प्रे-बेस वृद्धि, लवकुश वाटिका, ग्रीन लंग्स डेवेलपमेंट, पिछले वर्षों के पौधारोपण की स्थिति, रिजर्व क्षेत्रों का संरक्षण, आदि पर विस्तृत चर्चा हुई।
इसके अतिरिक्त वंदे गंगा अभियान, मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान, हरियालो राजस्थान के तहत पौधारोपण, पौध वितरण व जियो टैगिंग कार्यों की प्रगति, बजट वर्ष 2024-25 के तहत पौधारोपण तथा वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 की घोषणाओं की समीक्षा भी की गई।
उप वन संरक्षक द्वारा वन्यजीव सुरक्षा, वन अधिकार पट्टो, जल संरक्षण जन अभियान, एवं वर्ष 2025-26 की बजट घोषणाओं की अद्यतन जानकारी भी बैठक में प्रस्तुत की गई। वन मंत्री ने कहा कि विभागीय कार्यों में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए, जिससे योजनाओं का प्रभाव अधिक व्यापक हो सके।
बैठक में पूर्व मंत्री एवं निम्बाहेड़ा विधायक श्रीचंद कृपलानी, चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या, बेगूं विधायक सुरेश धाकड़, जिला प्रमुख गब्बर सिंह, जिला कलक्टर आलोक रंजन सहित विभिन्न अधिकारी उपस्थित रहे।
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