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स्वदेशी का अर्थ चरखे से चंद्रमा तक पहुँचना, आत्मनिर्भरता से ही साकार होगा विकसित भारत का सपना – केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री यादव ने भिवाड़ी में किया इंडिया इंडस्ट्रियल फेयर का उद्घाटन

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NCR SANDESH /जयपुर, 19 सितम्बर। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने खैरथल-तिजारा में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए आत्मनिर्भरता पहली शर्त है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी का अर्थ केवल चरखे से केवल कपड़ा बनाना नहीं बल्कि चरखे से चंद्रमा तक पहुँचना है। उन्होंने बताया कि कोविड काल में 140 करोड़ लोगों को वैक्सीन उपलब्ध कराकर भारत ने आत्मनिर्भरता का परिचय दिया, वहीं इंफ्रास्ट्रक्चर, एक्सप्रेसवे, नेशनल हाईवे, मेडिकल कॉलेज और औद्योगिक क्षेत्र में व्यापक विकास संभव हुआ है।
जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र, जिला प्रशासन एवं लघु उद्योग भारती के तत्वावधान में 12वाँ इंडिया इंडस्ट्रियल फेयर- 2025 का उद्घाटन करने के बाद केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन, विचार एवं उपलब्धियों पर आधारित विशेष प्रदर्शनी का फीता काटकर उद्घाटन किया और उसका अवलोकन किया। तत्पश्चात उन्होंने आधिकारिक रूप से 12वें इंडिया इंडस्ट्रियल फेयर का उद्घाटन किया और मेले में विभिन्न औद्योगिक इकाइयों एवं संस्थानों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का निरीक्षण कर प्रदर्शित उत्पादों की जानकारी ली।
भूपेंद्र यादव ने कहा कि लघु उद्योग भारती राष्ट्रीय विचारधारा के अनुरूप नॉलेज शेयरिंग, स्किल डेवलपमेंट और व्यापार वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जन विश्वास बिल, ग्रीन क्रेडिट योजना और जीएसटी के सरलीकरण जैसे कदम उठाए हैं। ग्रीन क्रेडिट योजना के तहत औद्योगिक इकाइयां वनों का विकास करके ग्रीन क्रेडिट कमा सकेंगी, जो ट्रांसफरेबल भी होगा। वहीं जीएसटी को 5ः और 18ः के दो ही स्लैब में बांटने से आमजन को राहत मिलेगी। एमएसएमई सेक्टर में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और विभिन्न अभियानों के जरिए बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित हुआ है।
उन्होंने बताया कि भिवाड़ी के विकास हेतु एकीकृत एजेंसी भिवाड़ी डेवलपमेंट अथॉरिटी का गठन किया गया है, जो स्वच्छता एवं विकास के लिए समर्पित है। औद्योगिक इकाइयों के दूषित पानी के उपचार हेतु 6 एमएलडी सीईटीपी स्थापित की गई है जिससे गंदे पानी को शोधित कर पुनः उपयोग में लिया जाएगा, वहीं घरेलू दूषित पानी के निस्तारण के लिए 34 एमएलडी एसटीपी का कार्य प्रगति पर है। वर्षा के समय पहाड़ी क्षेत्रों से आने वाले पानी के निस्तारण हेतु एनीकट और सराय खुर्द बांध का उपयोग किया जाएगा। नेशनल हाईवे पर जलभराव की समस्या के समाधान हेतु केंद्रीय सड़क मंत्री के निर्देश पर एनएचएआई और दोनों राज्यों के अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक आगामी माह में आयोजित की जाएगी। साथ ही नीमराना-भिवाड़ी लिंक रोड का कार्य भी तेज गति से प्रगति पर है।
उन्होंने बताया कि उनके संसदीय क्षेत्र में 108 ई-गुरुकुल लाइब्रेरी स्थापित की जा रही हैं, जिनके माध्यम से विद्यार्थियों को कॅरियर निर्माण, डिजिटल कोर्सेज, नई तकनीकों की ट्रेनिंग और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की सुविधाएं मिलेंगी। यह योजना राजस्थान समग्र शिक्षा अभियान के सहयोग से एमओयू के तहत चलाई जाएगी जिसमें देश की प्रमुख डिजिटल कंपनियों के कोर्स उपलब्ध होंगे। युवाओं की क्षमता निर्माण हेतु लघु उद्योग भारती के सहयोग से स्किल सेंटर स्थापित किए जाएंगे। साथ ही भिवाड़ी में स्पोर्ट्स स्टेडियम और नया गवर्नमेंट हॉस्पिटल भी शीघ्र ही शुरू किया जाएगा जिससे क्षेत्र के विकास को नई दिशा मिलेगी।
अखिल भारतीय संगठन मंत्री, लघु उद्योग भारती प्रकाशचंद ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र के सतत् विकास के लिए नैतिकता और गुणवत्ता का समायोजन अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास केवल उत्पादन बढ़ाने तक सीमित नहीं होना चाहिए बल्कि उसमें मानवीय मूल्य और सामाजिक जिम्मेदारी भी निहित होनी चाहिए। औद्योगिक इतिहास का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि कैसे परंपरागत उद्योगों ने समय के साथ नई तकनीक और नवाचार को अपनाकर देश की आर्थिक प्रगति में योगदान दिया है। उन्होंने उद्यमियों से आह्वान किया कि वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखते हुए उच्च गुणवत्ता, कौशल विकास और पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दें। प्रकाशचंद ने कहा कि आने वाला समय टेक्नोलॉजी आधारित और ग्रीन इंडस्ट्री का होगा, इसलिए उद्योगों को अनुसंधान, नवाचार और डिजिटल परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ाने होंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि लघु उद्योग भारती के प्रयासों से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग न केवल आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देंगे बल्कि रोजगार सृजन और ग्रामीण-शहरी संतुलित विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
तिजारा विधायक महंत बालक नाथ योगी ने कहा कि इस आयोजन के माध्यम से क्षेत्र के युवाओं को औद्योगिक इकाइयों द्वारा निर्मित उत्पादों की जानकारी मिलेगी, जिससे वे उद्योगों की कार्यप्रणाली को नजदीक से समझ सकेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे अवसर युवाओं को न केवल प्रेरित करेंगे बल्कि उन्हें अपने स्वयं के व्यवसाय की शुरुआत करने के लिए उत्साहित भी करेंगे। महंत बालक नाथ ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का सपना तभी साकार होगा , जब स्थानीय स्तर पर उद्योग-धंधों का विस्तार होगा और युवा रोजगार मांगने वाले के बजाय रोजगार देने वाले बनेंगे। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे स्टार्टअप, नवाचार और कौशल विकास की ओर आगे बढ़ें और सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही योजनाओं का लाभ उठाकर क्षेत्र को औद्योगिक और आर्थिक रूप से मजबूत बनाएं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले समय में भिवाड़ी जैसे औद्योगिक क्षेत्र पूरे प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के विकास में अहम योगदान देंगे।
बानसूर विधायक देवी सिंह शेखावत ने अपने उद्बोधन में डेयरी सेक्टर को प्रोत्साहित करने का आह्वान करते हुए कहा कि दुग्ध उत्पादन ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इससे किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य साकार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में पशुपालन और डेयरी व्यवसाय की अपार संभावनाएं हैं, जिन्हें आधुनिक तकनीक, बेहतर नस्लों के संवर्धन और कोल्ड स्टोरेज एवं प्रोसेसिंग यूनिट्स की स्थापना से और अधिक सशक्त किया जा सकता है।
फेयर के दौरान प्रतिदिन वेंडर डेवलेपमेंट और तकनीकी विषयों पर सरकारी विभागों एवं विषय-विशेषज्ञों द्वारा सेमिनार आयोजित किए जाएंगे। इस आयोजन में उद्योग जगत, उद्यमियों और युवाओं की बड़ी संख्या में भागीदारी रहेगी, जिससे क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी।
कार्यक्रम में बानसूर विधायक देवी सिंह शेखावत, जिला प्रमुख बलबीर छिल्लर, महासिंह चौधरी, लघु उद्योग भारती के सुधीर गर्ग, नरेश पारीक, एल.एन. गुप्ता, श्री संदीप दायमा सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण मौजूद रहे।
इसके पश्चात भूपेंद्र यादव भिवाड़ी स्थित जेनेसिस मॉल पहुंचे, जहां आइनॉक्स थियेटर में उन्होंने डॉक्यूमेंट्री ‘चलो जीते हैं’ की विशेष स्क्रीनिंग देखी। यह डॉक्यूमेंट्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन, विचारधारा और सामाजिक सेवा की भावना पर आधारित है, जो युवाओं को प्रेरित करती है कि जीवन का वास्तविक उद्देश्य दूसरों के लिए जीना है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, उद्योग जगत से जुड़े लोग और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। फिल्म प्रदर्शन के बाद केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘चलो जीते हैं’ केवल एक डॉक्यूमेंट्री नहीं बल्कि सेवा, त्याग और समर्पण के मूल्यों को आत्मसात करने का संदेश है, जो देश के हर युवा को राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरित करता है।
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