नई दिल्ली / लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज कहा कि कानून निर्माण की प्रक्रिया में लेजिस्लेटिव ड्राफ्टिंग की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कानून का मूल ड्राफ्ट बनाते समय कभी भी ‘ग्रे एरिया’ नहीं छोड़ना चाहिए। यदि कानून की ड्राफ्टिंग में ‘ग्रे एरिया’ होगा तो न्यायपालिका के हस्तक्षेप की गुंजाइश बढ़ जाएगी। जब लेजिस्लेटिव ड्राफ्टिंग स्पष्ट और सरल हो, तथा उसमें कोई ग्रे एरिया नहीं होगा; तो न्यायिक समीक्षा करते समय अनावश्यक हस्तक्षेप नहीं होगा।
बिरला ने कहा कि भारत का संविधान हमारे लिए इस दिशा में मार्गदर्शक है। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान के तहत विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका के बीच शक्तियों का स्पष्ट विभाजन किया गया है और उसकी मूल भावनाओं को ध्यान में रखते हुए कानून की ऐसी ड्राफ्टिंग होनी चाहिए जो जनकल्याणकारी, सरल और स्पष्ट भाषा में हो। उन्होंने कहा कि जितनी बेहतर ड्राफ्टिंग होगी, कानून उतना ही प्रभावी, त्रुटिरहित और न्यायसंगत होगा। स्पष्ट और सरल विधायी भाषा प्रभावी कानूनों की आधारशिला है।
लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज चंडीगढ़ स्थित महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान (एमजीएसआईपीए) में हरियाणा विधानसभा और Institute of Constitutional and Parliamentary Studies (ICPS) के सहयोग से आयोजित विधायी प्रारूपण पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान ये विचार व्यक्त किये । इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी, हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण, कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष यू टी खादर फरीद, हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष डॉ. कृष्ण लाल मिड्ढा तथा लोक सभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह भी मंच पर उपस्थित रहे।
बिरला ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम न केवल अधिकारियों की क्षमता को बढ़ाते हैं बल्कि विधायी संस्थाओं की गरिमा और प्रभावशीलता को भी सुदृढ़ करते हैं। ये अधिकारियों और कर्मचारियों को न केवल विधायी प्रक्रियाओं की जटिलताओं से परिचित कराते हैं, बल्कि उन्हें ऐसी विधायी भाषा और प्रारूप विकसित करने में सक्षम बनाते हैं, जो न्यायपूर्ण हो, पारदर्शी हो और समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए सुलभ हो।
यह कार्यक्रम गृह मंत्रालय के तत्वावधान में चल रहे राष्ट्रीय विधायी प्रारूपण कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसकी शुरुआत वर्ष 2023 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा की गई थी। इस श्रृंखला के अंतर्गत इससे पहले गांधीनगर, लखनऊ, शिमला, रांची, जबलपुर और पटना जैसे शहरों में भी इसी प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं।
अंत में बिरला ने हरियाणा विधानसभा, हरियाणा सरकार और ICPS का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण आयोजन को संभव बनाया। उन्होंने मीडिया का भी धन्यवाद किया और कहा कि लोकतांत्रिक विमर्श को आम जनता तक पहुँचाने में मीडिया की भूमिका सबसे अहम है।