मनीष बावलिया/एनसीआर संदेश/अलवर। दुनिया में कई ऐसे लोग हैं जो अपने शौक की वजह से देश दुनियां में पहचाने जाते हैं। ऐसे ही है एक शख्स है चितौड़गढ़ के कन्हैया लाल खटीक। जिन्हें आज राजस्थान में गोल्ड मेन के नाम से जाना जाता है। उनका दावा है कि वह शरीर पर करीब 3 किलो 600 ग्राम सोना पहनकर रखते है। सोना पहनना उनका शौक है। कन्हैया लाल आज अलवर शहर में जनता से रूबरू हो रहे थे। वह अलवर में आयोजित दुर्बल नाथ जयंती समारोह में शामिल होने के लिए चितौड़गढ़ से आज ही सुबह अलवर पहुंचे थे। शहर में निकली शोभायात्रा में कन्हैया भी शामिल हुए। शोभायात्रा में गोल्डमैन आकर्षण का केंद्र बने रहे। लोग उनके साथ सेल्फी लेने के लिए काफी उत्साहित नजर आए। उनके साथ अलवर के धर्मराज गनडूरा मौजूद रहे।
फलों के थोक विक्रेता है कन्हैया लाल
कभी सड़क पर सब्जी व फलों का ठेला लगाने वाला कन्हैया आज राजस्थान का गोल्डमैन बन गया है। कन्हैया ने बताया कि वह कश्मीर से सेव मंगाकर उन्हें बेचते है। उनका कहना है कि मेहनत से सब कुछ सम्भव है। कन्हैया लाल खटीक रोजाना करीब साढ़े तीन किलो सोना अपने शरीर पर पहनते हैं। कन्हैया को इतने गहनों के साथ जब भी कोई सड़क पर चलता हुआ देखता है तो उसकी आखें फटी की फटी रह जाती है और वह आकर्षण का केंद्र बन जाते है। उनके गले में कई सोने की चेन, हाथों की सभी उंगलियों में सोने की अंगूठी, कलाई में बड़ा ब्रेसलेट पहना हुआ है। अंगूठियों में कमल, अशोक चिन्ह, बाज, राम भगवान व के और जी उनके नाम के अक्षर की अंगूठी शामिल है।
बप्पी लहरी के नाम से जाने जाते है
कन्हैया लाल खटीक को मेवाड़ के बप्पी लाहिरी के नाम से जाना जाता है। हालांकि कन्हैया लाल का गाना और फिल्मों से दूर-दूर तक का कोई ताल्लुक नहीं है लेकिन शरीर पर सोना पहनने के शौक ने उन्हें बप्पी लाहिरी के नाम से प्रसिद्धि दिला दी है।
दोस्त की दी चैन ने बनाया सोने का दीवाना
कन्हैया लाल ने बताया कि सन 2002 में चित्तौड़गढ़ में सब्जी का ठेला लगाते थे। उस दौरान उनके दोस्त मनीष अग्रवाल ने उन्हें 10 तोले की सोने की चेन कुछ समय तक पहनने के लिए दी। उसके बाद से कन्हैया लाल को इस सोने को पहनने का शौक हुआ। इन्हीं दिनों कश्मीर से सेब मंगा कर यहां बेचने का धंधा कन्हैया लाल का फलने-फूलने लगा। इसके बाद कन्हैया लाल ने अपने सोने पहनने के शौक को पूरा किया। अब कन्हैया लाल को गोल्डमैन के रुप में प्रसिद्धि मिली है।
सेल्फी लेने वालों से घिरे रहे कन्हैया
अलवर पहुंचने के बाद जब कन्हैयालाल शोभायात्रा में शहर की सड़कों पर इतना सोना पहन कर पैदल चल रहे थे तो सबकी नजर कन्हैयालाल पर थी उनके साथ सेल्फी लेने के लिए लोग उनके आगे पीछे घूम रहे थे। इसके बावजूद उनके सादगी भी इतनी थी कि उन्होंने किसी को भी सेल्फी लेने से मना नहीं किया आराम से लोगों के साथ फोटोशूट करवाए।