NCR SANDESH /अलवर। बदलते वक्त के साथ अब भगवान के दर्शन करने के तरीके भी हाईटेक हो गए है। पहले लोग मंदिरों में जाकर भगवान की प्रतिमाओं के दर्शन करते थे लेकिन वर्तमान में लोग मंदिर नहीं जाकर सोशल मीडिया के द्वारा ही भगवान की प्रतिमा के दर्शन कर रहे है। हम यहां बात कर रहे है शहर के त्रिपोलिया महादेव मंदिर की। जिसके ट्रस्ट द्वारा सोशल मीडिया पर प्रतिमा के होने वाले श्रंृगार की प्रतिदिन फोटो शेयर की जाती है। इस फोटो के माध्यम से हजारों श्रदालु भगवान भोलेनाथ के अलौकिक ओर मनमोहक श्रृंगार रूपी प्रतिमा के दर्शन कर पाते है। महंत जितेंद्र खेड़ापति ने बताया कि मंदिर में रोजाना भोलेनाथ का विभिन्न रूपों से श्रृंगार किया जाता है। इसके लिए शिवलिंग को सजाने में करीब 2 घंटे का समय लगता है। भोलेनाथ का मनमोहक दृश्य देखने के लिए श्रद्धालु लालायित रहते है। करीब डेढ़ साल से यह श्रृंगार मंदिर ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है। जिसमें विभिन्न तरह के फूलों, पोशाक सहित अन्य सजावटी वस्तुओं का इस्तेमाल किया जाता है।

सातों दिन होता है अलग-अलग रूपों में श्रृंगार
त्रिपोलिया महादेव मंदिर में सप्ताह के प्रत्येक दिन शिव परिवार का अलग-अलग रूपों से श्रृंगार किया जाता है। श्रृंगार इतना मनमोहक होता है कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु रोज भगवान के दर्शन करने के लिए पहुंचते है। मंदिर के महंत खेड़ापति के अनुसार सप्ताह में सोमवार को सफेद, मंगलवार को लाल, बुधवार को सफेद और हरी, गुरुवार को पीला, शुक्रवार को सफेद और हरा, शनिवार को नीला व रविवार को लाल पोशाक द्वारा भगवान की प्रतिमाओं का श्रंृगार किया जाता है। इस दौरान शिवलिंग को फूलों, रुद्राक्ष, बिलपत्र, अकोड़ा सहित विभिन्न तरह की पोशाक, साफा आदि से श्रंृगार कर मनमोहक आकर्षक रूप दिया जाता है।
मंदिर में 4 बार होती हैं आरती
त्रिपोलिया महादेव मंदिर में रोजाना चार बार आरती होती हैं। पहली आरती प्रात: 4 बजे 6 बजे तक जबकि संध्या की आरती 6.15 बजे शयन आरती रात्रि 10.30 बजे की जाती हैं। आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं।
हजारों लोग करते है दर्शन
सोशल मीडिया पर शिव परिवार व मंदिर की श्रंृगारित प्रतिमाओं को प्रतिदिन श्रदालुओं के दर्शन के लिए सोशल मीडिया पर फोटो और वीडियो के माध्यम से शेयर किया जाता है। मंदिर ट्रस्ट द्वारा वाट्सअप पर अपना एक गु्रप भी बनाया हुआ है। जिसके माध्यम से अलवर सहित देशभर में रहने वाले हजारों श्रद्धालु भोलेनाथ का रोजाना दूर बैठकर भी दर्शन कर पाते है।