राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के साथ बैठक आयोजित -वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए एकीकृत रणनीति आवश्यक – आयोग अध्यक्ष

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जयपुर। राजस्थान के एनसीआर एवं उसके आस पास के क्षेत्र में वायु गुणवत्ता के प्रबंधन और वायु प्रदुषण के रोकथाम को लेकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा की अध्यक्षता में शुक्रवार को शासन सचिवालय में बैठक का आयोजन किया गया। आयोग द्वारा एनसीआर क्षेत्र में वायु गुणवत्ता की बेहतरी के लिए पूर्व में  दिए गए निर्देशों के पालना की प्रगति की बैठक में विस्तृत जानकारी दी गयी।

आयोग के अध्यक्ष वर्मा ने कहा कि वायु प्रदूषण जनस्वास्थ्य और सतत विकास से जुड़ा गंभीर विषय है। इसके कारण मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है और गंभीर बीमारियाँ उत्पन्न हो रही हैं। इसे रोकने के लिए हमें मिलकर गंभीरता से काम करना होगा। उन्होंने राज्य में जैव सामग्री जलाने से उत्पन्न प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों की भी सराहना की।

उन्होंने कहा कि इस दिशा में स्थानीय प्रशासन और आम नागरिकों की भागीदारी से अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं, जिन्हें और सशक्त बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि निर्माण गतिविधियों, औद्योगिक इकाइयों, वाहनों से होने वाले उत्सर्जन तथा कचरे के अनुचित निस्तारण जैसे प्रदूषण स्रोतों पर सख्त निगरानी रखी जाये तथा सम्बंधित विभाग डेटा एवं तकनीक के माध्यम से समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करें।

मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि प्रदेश सरकार वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए प्राथमिकता से काम कर रही है। उन्होंने आयोग को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा दिए गए निर्देशों एवं सुझावों का गंभीरता से पालन किया जायेगा। उन्होंने परिवहन विभाग को निर्देश दिए कि एनसीआर क्षेत्र में प्रतिबंधित वाहनों के प्रवेश रोकने के लिए आयोग के निर्देशों से वाहन मालिकों एवं चालकों को मोबाइल पर मैसेज भेज कर अवगत करवाया जाये। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्पष्ट दिखने वाले साइन बोर्ड लगाये जाये जिससे राजधानी में नहीं जाने वाले वाहन दुसरे मार्ग से अपने गंतव्य पर जा सकें। जिससे एक ओर उनका समय और ईंधन बचेगा, दूसरी ओर राजधानी में प्रदूषण और यातायात समस्या पर कुछ हद तक लगाम लगेगी।

पंत ने निर्देश दिए कि एनसीआर क्षेत्र में प्रतिबंधित ऑटो रिक्शा एवं अन्य डीजल वाहनों पर निगरानी रखी जाये और प्रयोग में दिखने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाये। उन्होंने निर्देश दिए कि आमजन को वायु प्रदुषण के बारे में विभिन्न माध्यमों के जरिये जागरूक किया जाये और आयोग के निर्देशों की पालना के लिए सम्बंधित जिलों में उच्च स्तर पर नियमित मॉनिटरिंग की जाये।

बैठक में एनसीआर क्षेत्र में निर्माण कार्यों से होने वाले धूल प्रदुषण, कैमरा इंस्टालेशन, ई-कॉमर्स व डिलीवरी सेवा प्रदाताओं द्वारा प्रतिबंधित वाहनों के उपयोग को रोकने, डीजल ऑटो रिक्शा को स्क्रैप करने, सीएएक्यूएमएस स्थापित करने, हरियालो राजस्थान की प्रगति आदि विषयों पर विस्तृत चर्चा की गयी।

इस दौरान अतरिक्त मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण आनंद कुमार, प्रमुख शासन सचिव उद्योग आलोक गुप्ता, प्रमुख शासन सचिव नगरीय विकास एवं आवासन विभाग देबाशीष पृष्टी सहित परिवहन, कृषि, पर्यावरण आदि सम्बंधित विभागों के अधिकारी और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के सदस्य एवं अधिकारी उपस्थित रहें।

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