Monday, August 25, 2025

राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) की स्थापना से राजस्थान मेडिकल टूरिज्म और उन्नत चिकित्सा सेवाओं में होगा अग्रणी —मुख्यमंत्री

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NCR SANDESH / जयपुर, 25 अगस्त। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश में आमजन को विश्व स्तरीय और किफायती चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए निरंतर कदम उठा रही है। वर्ष 2024-25 के बजट में प्रदेश में सुपर-स्पेशियलिटी चिकित्सा को नये आयाम देने के लिये आरयूएचएस (राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हैल्थ साईंसेज) का उन्नयन कर दिल्ली एम्स की तर्ज पर राजस्थान इंस्टीयूट ऑफ मेडिकल साईंसेज (रिम्स) की स्थापना की घोषणा की गई थी। इसी क्रम में राज्य सरकार द्वारा राज्य विधानसभा में ‘राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, जयपुर विधेयक 2025’ पेश किया जायेगा।

चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने बताया कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नई दिल्ली की तर्ज पर जयपुर में रिम्स की स्थापना की जाएगी जिसमें सुपर-स्पेशियलिटी नैदानिक सेवाओं, उन्नत चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य चुनौतियों के लिए अनुसंधान और रोगी देखभाल की सर्वोत्तम सुविधाएँ आमजन को मिलेगी। रिम्स एक स्वायत्त संस्थान और विश्वविद्यालय के रूप में कार्य करेगा जहाँ राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम, 2019 के तहत डिग्री, डिप्लोमा और अन्य शैक्षणिक मान्यता दी जा सकेगी।

यह होगा रिम्स में —

चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीष कुमार ने बताया कि रिम्स में कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, यूरोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, एंडोक्राइनोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, सीटीवीएस एवं ट्रांसप्लांट यूनिट जैसे सुपर स्पेशियलिटी सुविधाएँ होगी तथा – पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी, जेरियाट्रिक मेडिसिन, रूमेटोलॉजी, रिप्रोडक्टिव बायोलॉजी, जेनेटिक्स, बायोटेक्नोलॉजी, न्यूक्लियर मेडिसिन, स्लीप मेडिसिन, क्रिटिकल केयर जैसी अनेक नई सब-स्पेशियलिटी विभागों की भी स्थापना की जाएगी। संस्थान में सुपर-स्पेशियलिटी और ब्रॉड स्पेशियलिटी के विकास, क्वाटरनरी-स्तर के रेफरल अस्पताल सेवाओं, आधुनिक चिकित्सा और संबद्ध विज्ञानों (आयुष प्रणालियों-आयुर्वेद और योग) में विशेष स्नातकोत्तर शिक्षण और राज्य के विशिष्ट स्वास्थ्य पहलुओं पर नवाचार अनुसंधान किया जायेगा। साथ ही यहाँ शिक्षकों के प्रशिक्षण और प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक देखभाल के लिए उपचार प्रोटोकॉल में नवाचार में भी कदम उठाये जायेगे। रिम्स में सरकारी नीतियों और योजनाओं के पात्र मरीजों को मुफ्त उपचार मिलेगा जिससे अन्य राजकीय अस्पतालों पर मरीजों का भार कम होगा और उन्हें विश्व स्तरीय सुपर-स्पेशियलिटी सुविधाएँ यहाँ उपलब्ध होगी।

मुख्य सचिव होंगे अध्यक्ष—    

राज्य के मुख्य सचिव इसके अध्यक्ष होंगे तथा प्रतिनियुक्ति पर निदेशक नियुक्त किए जायेंगे। साथ ही एक शासी निकाय का गठन किया जायेगा जिसमें एम्स नई दिल्ली, चंडीगढ़ के पीजीआई और आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय संस्थानों के विशेषज्ञों को शामिल किया जायेगा। आरयूएचएस और स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट, जयपुर को भी रिम्स में समाहित करना प्रस्तावित है।

विश्व स्तरीय सुविधाओं से होगा उपचार—

रिम्स एक स्वायत्त संस्थान के रूप में कार्य करेगा जिसकी एक समर्पित निधि होगी। राज्य सरकार द्वारा रिम्स के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपए का व्यय किया जाना प्रस्तावित है। अन्य खर्चों के लिए प्रतिवर्ष 5 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है, जिसे आवश्यकतानुसार बढ़ाया जा सकेगा। रिम्स में मेडिकल, डेंटल और नर्सिंग कॉलेज, ग्रामीण और शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों और फिजियोथेरेपिस्ट, फार्मासिस्ट जैसे स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा। जिससे चिकित्सक निजी प्रैक्टिस के स्थान पर संस्थागत उत्कृष्टता पर ध्यान केंद्रित करेगे।

विधानसभा से रिम्स विधेयक पारित होने के बाद विभिन्न विषय विशेषज्ञ एवं निदेशक की नियुक्ति के लिए कार्यवाही शुरू की जाएगी तथा विश्व स्तरीय अनुसंधान और अंतरराष्ट्रीय आदान-प्रदान के लिए विभिन्न विश्व स्तरीय चिकित्सा संस्थानों से अनुबंध किये जायेंगे। रिम्स की स्थापना से राजस्थान देश-विदेश में मेडिकल टूरिज्म के केंद्र के रूप में विकसित होगा।

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