डायबिटीज का नाम सुनते ही लोगों के मन में इस बात का डर बैठ जाता है कि अब इस बीमारी के साथ ही जीना पड़ेगा. लेकिन डायबिटीज गलत लाइफस्टाइल और गलत खान-पान की वजह से होती है, इसलिए लाइफस्टाइल और खान-पान में सुधार कर इसे हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है या डायबिटीज आने से पहले ही इसे रोका जा सकता है.
दरअसल, डायबिटीज तब होती है जब पैंक्रियाज से इंसुलिन हार्मोन कम बनता है या बनता ही नहीं है या बनने के बावजूद शरीर इसका प्रतिरोध करने लगता है. इसके लिए मुख्य रूप से क्या जिम्मेदार है, इसका पता अभी तक नहीं चल पाया है लेकिन माना जाता है कि गलत खान-पान और गलत लाइफस्टाइल इसके लिए जिम्मेदार हैं. यही कारण है कि डॉक्टर अक्सर डायबिटीज के मरीजों को लाइफस्टाइल और डाइट में परिवर्तन की सलाह देते हैं.
- वजन कंट्रोल करें- शुगर पर लगाम लगाने के लिए वजन को कंट्रोल करना सबसे जरूरी है. कई रिसर्च में ये बात सामने आ चुकी है कि जिन डायबिटीज के मरीजों ने अपने वजन को कंट्रोल किया है उनके ब्लड में शुगर का स्तर कंट्रोल हो गया. मायो क्लिनिक के मुताबिक एक बड़ी रिसर्च में यह साबित हुई कि जिन लोगों ने अपने वजन में सिर्फ 7 प्रतिशत की कमी की, उन्हें डायबिटीज होने का जोखिम 60 प्रतिशत तक कम हो गया.
- फिजिकली एक्टिव रहे-यानी 20 साल के बाद आप शिथिल न हो जाएं. हमेशा किसी न किसी काम में खुद को शारीरिक रूप से सक्रिय रखें. इसके लिए आप किसी भी तरह की एक्सरसाइज करें, रोजाना पैदल चलें, साइकिल चलाएं, घर के काम को नियमित रूप से खुद करें.
- प्लांट आधारित फूड खाएं-डायबिटीज से बचने के लिए अधिक से अधिक प्लांट आधारित फूड का सेवन करें. हरी पत्तीदार सब्जियां, नट्स, टमाटर, फल, बिना स्टार्च वाली सब्जियां, दाल, गोभी, बींस, मटर, मसूर की दाल, साबुत अनाज, बार्ली, जौ आदि का सेवन नियमित रूप से करें. इन फूड में विटामिन, मिनिरल्स के अलावा डाइट्री फाइबर होता है जो भोजन से पोषक तत्वों को निकालने में मदद करने के लिए जाना जाता है.
- हेल्दी फैट खाएं-शरीर के लिए वसा की बहुत जरूरत होती है लेकिन वसा के लिए गलत वसा को न बढ़ाएं. जिन चीजों में सैचुरेटेड फैट होता है वह बैड फैट होता है. डेयरी प्रोडक्ट, मीट, रिफाइंड तेल, डालडा, प्रोसेस्ड फूड, बटर, चीज आदि में बैड फैट होता है. लेकिन ऑलिव ऑयल, सरसों का तेल, सनफ्लावर तेल, कॉटनसीड का तेल, बादाम और बीद, मूंगफली, केनोला का तेल, कद्दू के बीज, अलसी के बीज, कुछ मछलियां, सेलमन मछली, सार्डिन मछली, टूना मछली आदि में अनसैचुरेटेड फैट होता है. यह फैट शरीर के लिए फायदेमंद है.